छतरपुर। छतरपुर में बिना व्यवसायिक डायवर्सन एवं रेरा कानून के तहत पंजीयन कराए हुए भूमाफियाओं द्वारा खेतों में प्लाटिंग का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस कारोबार के कारण न सिर्फ शासन के राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि प्लाट खरीदने वाले लोग भी सडक़, बिजली, पानी, साफ-सफाई, नाली, पार्क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। अवैध कॉलोनियों के इसी गैरकानूनी फैलाव को रोकने के लिए अब छतरपुर एसडीएम अविनाश रावत ने नौगांव एसडीएम विनय द्विवेदी की तर्ज पर अवैध कॉलोनियों की जांच कराने के लिए एक टीम गठित कर दी है। एसडीएम अविनाश रावत ने बताया कि रेरा कानून लागू करने की सरकारी मंशा है कि लोगों को सुरक्षित जमीन पर सुविधायुक्त घर या प्लाट मिल सके। इस कानून के तहत जमीन कारोबारियों को बाध्य किया जाता है कि प्लाट बेचते समय सडक़, स्ट्रीट लाईट, पार्क, नाली आदि का विकास करेंगे लेकिन छतरपुर में कई लोगों के द्वारा बिना रेरा पंजीयन के कृषि भूमियों पर प्लाट बेचने का काम किया जा रहा है। ऐसी सूचनाएं लगातार प्राप्त हो रही हैं। इन सूचनाओं के आधार पर छतरपुर तहसील के अंतर्गत एक टीम गठित की गई है जो लगातार निरीक्षण कर ऐसे अवैध कॉलोनी निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाही करेगी।
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बिना व्यवसायिक डायवर्सन एवं रेरा कानून को दरकिनार कर हो रही रजिस्ट्रियां
RAM KUMAR KUSHWAHAJuly 1, 2021
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