सभी जड़ और चेतन स्वरूप परमात्मा के ही रूप हैं
छतरपुर। सियाराम मय सब जग जानी, करूहूं प्रणाम जोरि जुग पानी। गोस्वामी तुलसीदास जी की इस चौपायी का तात्पर्य है कि सभी जड़ और चेतन स्वरूप परमात्मा के ही स्वरूप हैं इसलिए मैं ऐसे सभी स्वरूपों को प्रणाम कर रहा हूं। तात्पर्य यह है कि भारतीय मनीषियों ने अपने ज्ञान और ध्यान से हमें यह मार्ग दिखाया है कि मत, परंपराएं भले ही भिन्न हों किन्तु हम सभी श्री हरि की बगिया के ही पुष्प हैं। इसलिए प्रेम और भक्ति को ज्ञान से भी ऊपर रखा गया है। उक्त उद्गार रविवार को वृंदावन धाम के संत किशोरदास जी महाराज ने छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी के खेलग्राम आवास पर आयोजित आर्शीवचन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ब्रज की कथाओं से पता लगता है कि जब ज्ञानी ऊधव को भगवान कृष्ण ने प्रेम की महिमा समझाने के लिए गोपियों से मिलने ब्रज भेजा था तब वे भी गोपियों से मिलकर प्रेम की अनूठी महिमा जान हैरान रह गए थे। उन्होंने कहा कि प्रेम एक ऐसा मार्ग है जिसके माध्यम से व्यक्ति के हृदय और परमात्मा के चरणों में स्थान मिलता है। आर्शीवचन के पूर्व संतश्री किशोरदास जी महाराज का आलोक चतुर्वेदी पज्जन भैया, नीतिश चतुर्वेदी, निखिल चतुर्वेदी ने आरती उतारकर स्वागत किया। तदोपरांत महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित, पूर्व कृषि मण्डी अध्यक्ष डीलमणि सिंह बब्बूराजा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लखनलाल पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने उनका पुष्प गुच्छ देकर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में उपस्थित शिष्य मंडल एवं स्थानीय लोगों ने हरिकीर्तन एवं श्रीकृष्ण की कथाओं का रसपान किया।
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वृंदावन धाम के संत किशोरदास जी महाराज ने खेलग्राम में दिए आर्शीवचन
RAM KUMAR KUSHWAHAAugust 2, 2021
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