भोपाल। लर्निंग लाइसेंस के लिए गांव से शहर न आना पड़े, इसके लिए परिवहन विभाग ने एमपी आनलाइन व कामन सर्विस सेंटरों के प्रभारियों को फेसलेस लर्निंग लाइसेंस की सेवा देने के निर्देश दिए हैं। गांवों में ज्यादा से ज्यादा युवा लर्निंग लाइसेंस बनवा सकें। उन्हें शहर में आरटीओ आने की जरूरत न पड़े। प्रदेश में 50 हजार एमपी आनलाइन व कामन सर्विस सेंटर बने हैं। इनका नेटवर्क ग्रामीण क्षेत्र तक है। विभाग ने दोनों एजेंसियों के साथ बैठकर फेसलेस को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।
परिवहन विभाग ने दो अगस्त को प्रदेश में फेसलेस लर्निंग लाइसेंस सेवा की शुरुआत की थी। इसके जरिए आधार कार्ड के माध्यम से घर बैठे लाइसेंस बनवा सकते हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय या किसी एजेंट के पास जाने की जरूरत नहीं है। कहीं से भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर टेस्ट दे सकते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। 2 अगस्त से अब तक विभाग के पास फेसलेस व्यवस्था से एक लाख 1 हजार 389 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें 92 हजार 123 ने आनलाइन टेस्ट दिया। जिसमें 81 हजार 605 आवेदकों ने टेस्ट को पास कर लिया। उनको टेस्ट पास होने के बाद लर्निंग लाइसेंस प्राप्त हो गया। शहरों में इस सेवा से लोग परचित हो गए हैं, लेकिन गांव में लोगों तक जानकारी नहीं पहुंची है। उन्हें शहर तक आना पड़ रहा है।
फेसलेस से यह हुए फायदे
आवेदकों को आनलाइन प्रक्रिया से समय एवं पैसे की बचत हो रही है। अब उन्हें आवेदन करने के लिए अपने कार्यालय या व्यवसाय से छुट्टी नहीं लेनी पड़ रही है। क्योंकि वे आवेदन सुबह, शाम, दिन-रात अपने घर से लैपटाप, कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से कर सकते हैं। वहीं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से दूर रहने वालों ने इस समय की बचत के अतिरिक्त पेट्रोल/डीजल में खर्च होने वाली बचत को भी महत्वपूर्ण बताया। दूरस्थ अंचल के कई आवेदकों को आरटीओ कार्यालय तक पंहुचने में तीन-चार सौ रुपये बस किराये के देने पड़ते थे, जो अब बच रहे हैं। अब आवेदकों को आरटीओ कार्यालय की लाइन में नहीं लगना पड़ता, न कागजों की फोटोकापी आदि करने की परेशानी है।
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लर्निंग लाइसेंस के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान
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RAM KUMAR KUSHWAHAOctober 2, 2021
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