छतरपुर। छतरपुर के सागर रोड पर रहने वाले पैथालॉजी संचालक विवेक पाण्डेय के 13 वर्षीय पुत्र आयुष पाण्डेय की मौत ने सिर्फ छतरपुर को ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को हिला दिया है। एक ऑनलाइन वीडियो गेम फ्री फायर खेलते हुए 40 हजार रूपए गवां चुके आयुष ने 13 साल की मासूम उम्र में ही 30 जुलाई को अपने घर पर फांसी लगा ली थी। इस मामले में सिविल लाईन पुलिस ने फ्री फायर गेम बनाने वाली कंपनी के संचालक के विरूद्ध मौत के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है तो वहीं अब सरकार भी इस मामले को लेकर एक्शन में नजर आ रही है। सोमवार को भोपाल में मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि छतरपुर की घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि छतरपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। कंपनी के संचालक कहीं भी हों उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह के जानलेवा खेल के शिकार बच्चों की काउंसिलिंग करें। इन खेलों पर किस तरह से प्रतिबंध लग सकता है इसके लिए सरकार विधि विशेषज्ञों से राय लेकर आगे बढ़ेगी। उधर इस मामले में पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा भी बच्चों के प्रति चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने मीडिया को दिए एक बयान के माध्यम से जिले के सभी बच्चों से अपील की है कि वे पबजी और फ्री फायर जैसे ऑनलाइन गेम से खुद को दूर रखें। जो बच्चे अपने मोबाइल से इस तरह के गेम एप्लीकेशन हटा देंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
आलोक चतुर्वेदी ने सीएम से की प्रतिबंध की मांग
इस मामले में छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने भी पीडि़त परिवार से चर्चा करते हुए उन्हें ढांढस बंधाया और इस संबंध में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर मप्र में ऐसे ऑनलाइन मोबाइल गेम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि इस तरह के मोबाइल गेम बनाने वाली कंपनियां अन्य देशों से संचालित हैं। अत: सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते पर ही आयुष के परिवार को न्याय मिल सकता है। सरकार इस मामले में आरोपी कंपनी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही का निर्णय ले।
Visfot News > Blog > खास समाचार > मोबाइल से ऐसे गेम हटाने वाले बच्चों को सम्मानित करेंगे एसपी
मोबाइल से ऐसे गेम हटाने वाले बच्चों को सम्मानित करेंगे एसपी
RAM KUMAR KUSHWAHAAugust 3, 2021
posted on

0Share