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Sunday, September 24, 2023
धर्म कर्म

आखिरी मुहूर्त आज व 15 जुलाई को, फिर 4 माह नहीं बजेगी शहनाई

Visfot News

ज्योतिष 820 जुलाई से सो जाएंगे देव, देव उठने के बाद 20 नवंबर से 29 अप्रैल तक विवाह के 22 मुहूर्त
भोपाल। कोरोना संक्रमण के भय से इस साल अप्रैल और मई में शादियां करने पर प्रतिबंध लगा रहा। इससे कई विवाह की बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। अब कोविड का असर कम हुआ तो लोग फिर शादियां कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा के अनुसार अब इस सीजन में शादी के केवल दो शुभ मुहूर्त 6 और 15 जुलाई के शेष बचे हैं।कुछ लोग 18 जुलाई भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त मानकर भी विवाह करेंगे। इसके बाद 4 माह तक शादियों के कोई मुहूर्त नहीं है। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। भगवान विष्णु 4 माह वर्षाकाल में क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। इससे इन चार माह में मांगलिक और शुभ कार्य नहीं होंगे। फिर देवठान एकादशी के बाद 20 नवंबर को पहला शुभ विवाह मुहूर्त है। 20 नवंबर से लेकर 29 अप्रैल 2022 तक शादियों के 22 मुहूर्त है, जिसमें शहनाई बजेगी।
4 माह क्यों नहीं होंगे विवाह
पंडित शर्मा के अनुसार 20 जुलाई से देवशयन काल शुरू हो जाएगा। यह 13 नवंबर 2021 तक चलेगा। मान्यता है कि भगवान विष्णु 4 माह वर्षाकाल में क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। इस वजह विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते। दूसरा कारण धनु मलमास (खरमास) होने की वजह से विवाह आदि शुभ कार्य 15 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक नहीं होंगे। तीसरा कारण 23 फरवरी 2022 को गुरु पश्चिम में अस्त होंगे जो 24 मार्च 2022 तक अस्त रहेंगे। गुरु अस्त होने पर दांपत्य जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी रहने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं रहते, क्योंकि गुरु का बलवान होना दांपत्य जीवन और पुत्र सुख के लिए अति आवश्यक है। चौथा कारण होलाष्टक है। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 10 मार्च 2022 से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 18 मार्च 2022 तक होने से शास्त्रोक्त विवाह मुहूर्त नहीं होते हैं।
118 दिन तक शयन करेंगे देव पिछले साल 148 दिन किया था
पंडित शर्मा ने बताया कि इस साल भगवान विष्णु 118 दिन विश्राम करेंगे। गत वर्ष अधिकमास होने से एक महीने अधिक यानी 148 दिन तक उन्होंने विश्राम किया था। इस बार वे 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 15 नवंबर तक की अवधि में क्षीर सागर में विश्राम अवस्था में रहेंगे। सृष्टि संचालन का उनका प्रभार इस अवधि में भगवान भोलेनाथ के पास रहेगा। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे, पर विवाह समेत मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
जुलाई से अप्रैल तक विवाह के मुहूर्त
जुलाई- 6 और 15
नवंबर- 20, 21, 28, 29, 30
दिसंबर- 1, 6, 7, 11, 13
जनवरी- 22, 23
फरवरी- 5, 6, 10, 18, 19
अप्रैल- 14, 19, 20, 21 व 22

RAM KUMAR KUSHWAHA
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