भोपाल। प्रदेश सरकार 62 सरकारी विभागों में वर्तमान में 1 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। नौकरशाही ने इन रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया है, जो की न्यायोचित नहीं है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को नोटिस, ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि शासकीय अर्ध शासकीय विभागों में रिक्त एक लाख से अधिक पदों पर 48000 स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ दी जाए ताकि इन संवर्ग के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके।
यदि सरकार ने हमारी मांग को मंजूर नहीं किया तो मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने 19 सितंबर को प्रदेशभर के कर्मचारी मंच के प्रदेश पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों, विभागीय समिति के अध्यक्षों, संविदा कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों कंप्यूटर ऑपरेटर प्रतिनिधियों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रांतीय बैठक भोपाल के प्रांतीय कार्यालय 12 दफ्तर शेड नंबर 9 के पास भोपाल में बुलाई है। इस बैठक में सरकार से मांग मंजूर कराने की रूपरेखा तैयार की जाएगीमध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने आज पत्रकार वार्ता में बताया है कि सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने 10, 345 पद, गृह विभाग में 7,661 पद, स्वास्थ्य विभाग में 35000 पद जनजातीय विभाग में 6500 पद वन विभाग ने 7425 पद राजस्व विभाग में 5000 पद कृषि विभाग में 2500 पद महिला एवं बाल विकास विभाग में 13000 पद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 12000 पद आदिम जाति कल्याण विभाग में 5629 पद उद्यानिकी विभाग में 3238 पद उद्योग विभाग में 2156 पद सहकारिता विभाग में 13256 पद श्रम विभाग में 1219 पद नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग में 13226 पद लोक निर्माण विभाग में 7128 पद नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में 9346 पद जल संसाधन विभाग में 10 219 पद खाद एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 9216 पद पशु पालन विभाग में 5218 पद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 10221 पद पर्यटन विभाग में 5217 पद उच्च शिक्षा विभाग में 5203 पद ग्रामोद्योग विभाग में 5938 पद तकनीकी शिक्षा विभाग में 5036 पद पिछड़ा वर्ग विकास विभाग में 9116 पद वर्तमान में रिक्त हैं।
लेकिन सरकार की नौकरी शाही ने विभागों में 10 या 20 साल से कार्य स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों संविदा कर्मचारियों कंप्यूटर ऑपरेटरों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता एवं योग्यता के आधार पर नियमित करने का निर्णय नहीं लिया जो इन संवर्ग के कर्मचारियों के साथ अन्याय हैं और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है नौकरशाही सीधी भर्ती कर अपनों को उपकृत करना चाहती हैं। भ्रष्टाचार कर सीधी भर्ती करना चाहती है जिसका मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच विरोध करता है।