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Sunday, September 24, 2023
धर्म कर्म

कल रविपुष्य योग: विवाह छोडक़र सभी शुभकार्य होते हैं लाभकारी

Visfot News

छतरपुर। रवि पुष्य योग समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए उत्तम माना गया है। यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो अथवा कोई अच्छा मुहूर्त नहीं भी हो, ऐसी स्थिति में भी रवि पुष्य योग विवाह को छोडक़र सभी कार्यों के लिए परम लाभकारी होता है। पुष्य नक्षत्र काल में सूर्य के प्रवेश करने से रवि पुष्य नक्षत्र काल कहलाता है और यह वर्ष में एक बार आता है। इस काल में साधक तंत्र-मंत्र और शक्ति के लिए साधना करते हैं रविवार 11 जुलाई को चंद्र रवि पुष्य है।नारदीय ज्योतिष केंद्र के संचालक उमेश चंद्र द्विवेदी वैदिक जी ने बताया कि रविवार 11 जुलाई को पडऩे वाले पुष्य नक्षत्र को चंद्र रवि पुष्य बोलते हैं । 11 जुलाई से ही गुप्त नवरात्रि भी प्रारंभ होगी। उन्होंने बताया कि रवि पुष्य योग को रवि पुष्य नक्षत्र योग भी कहा जाता है। यह सूर्य के पुष्य नक्षत्र में होने पर होता है। 20 जुलाई से 03 अगस्त तक रविपुष्य काल है। जब सूर्य पुष्य नक्षत्र में भ्रमण करते हैं उसी काल को रवि पुष्य काल कहा गया है।
हरि शयनी एकादशी से शुरू होगा साधना काल
इस वर्ष हरिशयनी एकादशी 20 जुलाई 2021 को दिन में 3 बज कर 41 मिनट पर सूर्य पुष्य नक्षत्र पर प्रवेश करेंगे। एक वर्ष से जो भी साधक रवि पुष्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं उन सबके लिए यह बहुत ही सुनहरा मौका है और यह पुष्य नक्षत्र 3 अगस्त 2021 को सायं 4 बज कर 10 मिनट तक रहेगा। रवि के पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करने से लेकर जब तक रवि पुष्य नक्षत्र में रहेंगे तब तक साधक अनुष्ठान में मंत्रों का पुरश्चरण करते हैं, क्योंकि 1 दिन में पुरश्चरण नहीं होता है। पुरश्चरण के लिए कुछ समय चाहिए। इसलिए रविवार को जो पुष्य पड़ता है उसमें पूर्ण नहीं हो पाता।
रवि पुष्य योग में किए जाने वाले काम
रवि पुष्य योग के दौरान मुख्य रुप से पारंपरिक स्वरुप में कोई दवाई इत्यादि का निर्माण करना बहुत शुभ होता है। इस समय बनाई गई औषधि का प्रभाव रोग को जल्द से जल्द समाप्त करने वाला होता है और रोगी को तुरंत लाभ मिलता है। आयुर्वेद में तो रविपुष्य काल में दवा बनाने के लिए बहुत ही शुभ एवं अच्छा माना गया है। इसके अलावा विशेष रोग में रोगी को अगर इस समय पर औषधि खिलाई जाए तो इसका भी सकारात्मक असर पड़ता है।
रवि पुष्य योग काल में यह उपाय करें
रवि पुष्य योग में गाय को प्रतिदिन चना एवं गुड़ खिलाना चाहिए, इससे धन की वृद्धि होती है। यदि किसी कार्य में बाधा अथवा रुकावट आती है तो प्रतिदिन गणेश, दुर्गा,नारायण, शिव, राम, कृष्ण इत्यादि मंदिर में दीपक जलाना चाहिए। शत्रु की पीड़ा से बचने के लिए प्रतिदिन ताम्बे के लोटे में जल, दूध, लाल रंग का पुष्प और चन्दन डालकर सूर्य को अध्र्य देना चाहिए। आभूषण, संपत्ति, वाहन के लिए विशेष लाभदायक है रवि पुष्यामृत काल रविपुष्यामृत काल में साधना करने से निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है। तंत्र, मंत्र साधना के लिए रविपुष्यामृत काल में प्रतिदिन जड़ी बुटियों का सेवन करना लाभदाई सिद्ध होता है। रवि पुष्य योग में सोने के आभूषण, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीददारी करना लाभदायक होता है। रवि पुष्य योग में नए व्यापार और व्यवसाय की शुरुआत करना भी श्रेष्ठ बताया जाता है।

RAM KUMAR KUSHWAHA
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