1 जनवरी से शुरू होना थी सुविधा, लेकिन दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ही किया जा रहा है काम
भोपाल। देशभर में घर बैठे ऑनलाइन लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की शुरूआत हो चुकी है, लेकिन मप्र के दो जिलों को छोड़ दिया जाए तो अभी तक किसी भी जिले में लोगों को यह सुविधा नहीं मिल रही है और उन्हें आरटीओ जाकर ही लर्निंग टेस्ट देना पड़ रहा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण ऊपरी कमाई जो एक दिन में लाखों रुपयों में हैं।
दरअसल इसे अधिकारियों का एक बड़ा तबका इस ऊपरी कमाई को खत्म नहीं करना चाहता है और केन्द्रीय मंत्री की घोषणा के बावजूद 51 जिलों में से मात्र दो जिले खरगोन और सतना में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसको चलाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अगर वहां यह व्यवस्था सफल हो जाती है तो इसे दूसरे जिलों में लागू किया जा सकता है। हालांकि केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि पूरे देश में यह सुविधा आवेदकों को देना है, ताकि घर बैठे लर्निंग लाइसेंस की सुविधा मिल जाए और कार्यालय में भी भीड़ भी न हो। जिले के 49 आरटीओ कार्यालय में अभी भी पुराने तरीके से ही लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम चल रहा है और इसमें एजेंटों तथा एवजियों की मिलीभगत से मोटी कमाई हो रही है, जिसका एक हिस्सा बड़े अधिकारियों तक जा रहा है, इसलिए भोपाल और ग्वालियर में बैठे आला परिवहन अधिकारी भी इस सुविधा को लागू करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
इसलिए अधिकारियों की रुचि नहीं है ऑनलाइन लाइसेंस बनाने में
आरटीओ कार्यालय में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होती थी और बिना ट्रायल दिए ही लाइसेंस बनाए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए एक आवेदक से 500 से 700 रुपए तक वसूले जाते हैं और एक दिन में 70 से 80 आवेदकों को इस तरह से पास कर दिया जाता है, यानि एक दिन में 50 हजार रुपए से ज्यादा की कमाई तो लर्निंग लाइसेंस शाखा से ही होती है।
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देशभर में ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनना शुरू, मप्र में रोके
RAM KUMAR KUSHWAHAJuly 11, 2021
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