भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियां कर सकते हैं। जिनमें निगम-मंडलों में नियुक्तियां शामिल हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसके संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि सरकार आगामी उपचुनाव से पहले इन नियुक्तियों को करके असंतुष्ट नेताओं को शांत करने का प्रयास कर सकती है। वहीं सिंधिया समर्थकों को भी जगह दी जा सकती है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सत्ता, संगठन और प्रशासन की कसावट के बाद मुख्यमंत्री का अगला फोकस राजनीतिक नियुक्तियों पर है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके समर्थकों का इसके लिए लगातार दबाव बना हुआ है। कई संगठन मंत्रियों के पास काम नहीं बचा है, इनमें से भी कुछ को निगम-मंडलों में एडजस्ट करने की तैयारी है। सरकार और संगठन की बैठकों में हिस्सा लेने वाले एक भाजपा पदाधिकारी का कहना है कि नियुक्तियों को लेकर कवायद लगभग पूरी हो चुकी है। सूची भी लगभग तैयार है। बस अंतिम रूप दिया जाना है। निगम-मंडलों में नियुक्तियों के आदेश कभी भी हो सकते हैं।
सबको साधने की कवायद
गौरतलब है कि जल्द ही मप्र के एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा का फोकस इन चुनाव पर भी है। दमोह उपचुनाव में हार के बाद भाजपा इन उपचुनाव को लेकर बेहद सतर्क है और पार्टी की कोशिश है कि इस बार जीत में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। यही वजह है कि असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए पार्टी उन्हें निगम-मंडल अध्यक्ष पदों पर नियुक्ति दे सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए 5 नेताओं को निगम-मंडलों में पहले मौका मिल सकता है। ये विधानसभा का उप चुनाव हार गए थे। इनमें इमरती देवी, ऐदल सिंह कंषाना, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया और रणवीर जाटव के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। इन्हें निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाया जा सकता है। खबर है कि सिंधिया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ हुई बैठक में इन नामों को लेकर चर्चा हो चुकी है। सिंधिया हालांकि अपने कुछ और समर्थकों के लिए जगह चाहते हैं, उस पर बाद में विचार करने का आश्वासन दिया गया है।
नाम लगभग तय हैं
सीएम शिवराज के चौथे कार्यकाल को डेढ़ साल होने जा रहा है लेकिन अभी तक निगम मंडलों में नियुक्ति नहीं हो पाई है। अब सीएम जल्द ही इन नियुक्तियों को कर सकते हैं। ऐसे में इन नियुक्तियों के लेकर चली आ रही असमंजस की स्थिति भी समाप्त होगी। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों हुई कुछ बैठकों में निगम-मंडलों में नियुक्ति की सूची लगभग फाइनल हो चुकी है। एक अगस्त को कोलार डैम रेस्ट हाउस में उन्होंने दस घंटे तक लगातार बैठक की थी। भोपाल के भाजपा मुख्यालय में भी कई दौर की बैठकें हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान ही निगम-मंडलों प्राधिकरणों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व अन्य पदों के लिए नाम लगभग तय हो चुके थे। लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप और चंबल-ग्वालियर अंचल में आई बाढ़ की वजह से नियुक्तियां टाल दी गई थीं।