छतरपुर। सरकार का नारा है कि बिना सहकार नहीं उद्धार लेकिन यह नारा सहकारिता में काम करने वालों के लिए ही फिट बैठता है। क्योंकि सहकारी समितियों के सहारे लाखों रूपए ठिकाने लगाए जा रहे हैं। पूर्व में कई सहकारी समितियों में कर्ज माफी के नाम पर लाखों रूपए गबन किए जाने के मामले सामने आए थे और मामलों से जुड़े आरोपी कार्यवाही से बच गए हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि शासन-प्रशासन द्वारा सही स्तर पर गबन करने वालों के खिलाफ पैरवी नहीं की गई। 11 लाख के गबन के आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना तो दूर उसे फिर से सेल्समैन बनाए जाने की बिसात बिछ रही है।
ये है मामला
वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक सेवा सहकारी समिति बम्हौरीपुरवा में प्रभारी समिति प्रबंधक रहे हुकुम सिंह यादव पर लगभग 11 लाख रूपए की राशि के गबन के आरोप सामने आए थे। सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा आमसभा की बैठक में उनके विरूद्ध निष्कासन का प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी प्रस्ताव दिया गया था। इस प्रस्ताव पर प्रशासक पीके खरे के दस्तखत भी हो गए लेकिन फिर थाने में एफआईआर नहीं हो सकी।
कपड़े के विक्रेता से लिए गए सरिया के बिल
वर्तमान समिति प्रबंधक रामस्वरूप यादव ने 12 अगस्त को छतरपुर डीआर एके शुक्ला को पुन: एक स्मरण पत्र देते हुए याद दिलाया कि पूर्व समिति प्रबंधक हुकुम सिंह के विरूद्ध गंभीर गबन संबंधी आरोप हैं। इस शिकायत में बताया गया है कि 04 जनवरी 21 को एक ही तारीख में 6 लोगों के नाम पर सीमेंट, सरिया, बालू खरीदी के चेक काटे गए तो वहीं 7 जनवरी 21 को फिर से तीन लोगों को पत्थर, गिट्टी और लेबर का भुगतान कर कुल 4 लाख 2 हजार रूपए की राशि जारी कर दी। सबसे दिलचस्प बात ये है कि एक चैक 15 हजार रूपए की हुकुम सिंह ने अपने ही नाम पर काट ली जबकि कुछ भुगतान अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी कर दिया। इस पूरी राशि को समिति के कार्यालय में निर्माण कार्य के नाम पर खर्च किया गया जबकि यहां एक रूप का काम भी नहीं किया गया।
इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बम्हौरीपुरवा समिति प्रबंधक और विक्रेता हुकुम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के लिए सहकारी समिति में विधिवत प्रस्ताव पारित किया गया था लेकिन इस प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं निकला। समिति प्रबंधक रामस्वरूप यादव और प्रशासक प्रमोद कुमार खरे की उपस्थिति में गबन के आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के प्रस्ताव को दरकिनार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि गबन के इसी आरोपी को अब सेल्समैन बनाने की तैयारी की जा रही है। भाजपा के एक बड़े नेता ने दोबारा इसी गबन के आरोपी को सेल्समैन बनाने के लिए डीआर एके शुक्ला पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस दबाव के पीछे लेनदेन की खबरें सामने आ रही हैं।
इस संबंध में शीलेन्द्र सिंह, कलेक्टर, छतरपुर का कहना है कि इस संबंध में शिकायत के आधार पर समूचे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। भ्रष्टाचार के आरोपियों को इस तरह की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
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11 लाख के गबन के आरोपी को सेल्समैन बनाने की तैयारी
RAM KUMAR KUSHWAHAAugust 14, 2021
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