छतरपुर। नौगांव में मौजूद एचडीएफसी बैंक की शाखा में हुए घोटाले के कई मामले सामने आने के बाद भी नौगांव पुलिस इस मामले में कछुआ गति से जांच कर रही है। इस घोटाले के मास्टर माइंड कहे जाने वाले संजीव शर्मा नामक पूर्व बैंककर्मी और पूर्व बैंक मैनेजर गिरीश तिवारी पर अब घोटाले का एक नया आरोप सामने आया है। बैंक की एक उपभोक्ता लक्ष्मी सेन पत्नि नीतेश सेन ने पुलिस अधीक्षक को सौंपी एक शिकायत में जो जानकारी दी है वह आश्चर्यचकित करने वाली है। घोटाले के मास्टर माइंड संजीव शर्मा ने इस महिला के बंद खाते पर भी लोन निकाल लिया और अब महिला को लोन चुकाने के लिए बैंक से फोन आ रहे हैं। मऊसहानियां निवासी लक्ष्मी सेन ने बताया कि जुलाई 2020 में उसने एचडीएफसी बैंक नौगांव में मौजूद अपने बचत बैंक खाते को बंद करा दिया था जब वह खाते को बंद कराने पहुंची तो गिरीश तिवारी और संजीव शर्मा ने बैंक से ही एक फार्म पर दस्तखत कराए और फिर बैंक से मिली किट को वापस लेकर खाता बंद करने का आश्वासन दिया। मई 2021 में एचडीएफसी बैंक से फोन आया है कि उनके नाम पर एक लाख 65 हजार रूपए इंस्टा जम्बो लोन चढ़ा हुआ है जिसकी किश्तें नहीं आ रहीं। बंद खाते के नाम पर लोन होने की बात सुनकर महिला और उसके पति आश्चर्य में पड़ गए। जब उन्होंने बंद खाते के स्टेटमेंट निकलवाए तो पता लगा कि यह खाता कूटरचित तरीके से चलता रहा। एक लाख 65 हजार रूपए की राशि लोन के रूप में खाते में आयी और अगले ही दिन विभा तिवारी नाम की किसी महिला के खाते में यह राशि ट्रांसफर कर दी गई। अब दोनों पति-पत्नि पुलिस और बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। लगभग तीन महीने पहले नौगांव के एचडीएफसी बैंक में हुए घोटाले का मामला सुर्खियों में आया था जिसके बाद बैंक प्रबंधन और पुलिस ने कई आवेदनों के मिलने पर इसकी जांच शुरू कर दी थी। कहा गया था कि बैंक ने पूर्व मैनेजर गिरीश तिवारी और संजीव शर्मा को हटा दिया है लेकिन इस मामले में आपराधिक और आर्थिक षडयंत्र की जांच कर रही पुलिस अब भी खाली हाथ है। पुलिस कभी बैंक से दस्तावेज न मिलने का बहाना बना रही है तो कभी जांचकर्ता अधिकारी के घर में शादी ब्याह होने, कोरोना ड्यूटी होने का बहाना बना रही है। कुल मिलाकर इस मामले में नौगांव पुलिस की धीमी जांच भी कई सवाल खड़े कर रही है तो वहीं कई आवेदक परेशान घूम रहे हैं।
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