
जेसीबी नदियों का सीना चीर रही
रात होते ही सक्रिय हो जाते है माफिया
प्रशासन को होश नहीं*
आये थे तवायफो के कोठे बंद कराने चंद सिक्कों की खनक पर खुद नाच बैठे यह हम नहीं बल्कि स्थानीय लोग कह रहे हैं लोगों का कहना है कि जनता को उम्मीद थी कि सरकार बनने के बाद माफियाओं पर अंकुश लगेगा लेकिन जिनकी अंकुश लगाने की *जिम्मेदारी है वह खुद चंद सिक्कों की खातिर आंखें मूंद ली है =अजीत पाठक
नौगांव – प्रदेश केआधोगिक विकास में खनिज संसाधनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है खनिज उपलब्धता की दृष्टि से प्रदेश खनिज संपन्न राज्य है जो नियमों के अंतर्गत अवैध रूप से खनन करने वालों पर कार्यवाही करता है ताकि राज्यजीय आय में वृद्धि हो सके लेकिन नगर नौगांव में खनिज विभाग की स्थापना नहीं होने से खनिज सम्पदा का खुलेआम उत्खनन हो रहा है वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से माफियाओं के हौसले बुलंद बने हुए हैं जिससे सरकार को प्रतिमाह लाखों का नुकसान हो रहा है जिसका नतीजा है कि अवैध उत्खनन माफिया क्षेत्र की नदियों की कोख को छलनी कर सरकार को चूना लगा रहे है इतना ही नहीं जेसीबी द्वारा नदियों का सीना चीर कर अपने अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं लेकिन मजाल है कि मीडिया हकीकत लिख सकें जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करें इस अवैध कारोबार ने नगर से सटे ग्रामीण इलाकों में स्थित नदियों मैं गडडे बनते जा रहे हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है वही नदियों की गहराई बढ़ती जा रही है अपनी निजी स्वार्थ के चलते माफियाओं ने नदियों की कोख को छलनी कर दिया है जो जेसीबी द्वारा नदियों का सीना चीर कर स्वहित मे लगे हुये है नदियों के निकट रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत की लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई इतना ही नहीं रेत की अलावा मुरम और पत्थरो का भी अवैध कारोबार किया जा रहा है जिससे सरकार को प्रतिमाह लाखों की चपत लग रही है रात होते ही माफियाओं खेल शुरू हो जाता है चाहे गर्रोली मार्ग हो या अलीपुरा या फिर मानपुरा और बंधी ईसानगर मार्ग रात होते ही ट्रैक्टरों में भरी रेत की आवाजाही शुरू हो जाती है माफियाओं का ख़ौफ़ देखो की अलीपुरा, गर्रोली पुलिस चौकी के सामने से दर्जनों वाहन रेत लेकर निकलते हैं लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं हुई इतना ही नहीं जनपद में खनन पर प्रतिबंध भी लगा रखा है इसके बावजूद माफिया बेखौफ होकर नदियों को तबाह करने पर तुले हुए हैं अवैध खनन की गूंज प्रशासन को सुनाई नहीं दे रही की खनिज माफिया कौन है कहां पर अवैध खनन चल रहा है यह तमाम जानकारियां लेने की प्रशासन को फुर्सत नहीं है प्रशासन पुलिस की सह पर क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है इस खेल को अधिकारी भी पूरी तरह जानते हैं जो प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रहा है वहीं लंबे समय से थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों के लिए यह कमाई का हथियार बन गया है इससे माफियाओं का दुस्साहस भी सातवें आसमान पर पहुंच रहा है इस खेल में सत्ताधारी नेताओं का मौन समर्थन प्राप्त है पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे माफिया नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं अवैध बालू उत्खनन को लेकर गरौली मानपुरा अलीपुरा एवं बंधी ईशानगर लुगासी स्थित नदियों से रात होते ही काम शुरू हो जाता है स्थिति यह है कि कभी रेत की ट्राली जो ₹300 से 500 में मिलती थी आज वही रेत 5000 से 10000 हजार रूपये में मिल रही है जिसका इस्तेमाल प्राइवेट व सरकारी निर्माण कार्यों में हो रहा है जिससे शासन को लाखों का चूना लग रहा है वहीं पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है जानकारों की माने तो पिछले एक साल से तस्करी में बढ़ोतरी हुई है कार्यवाही के नाम पर स्थानीय प्रशासन हो या पुलिस माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने का नाटक कर मीडिया व अखबार के जरिए सुर्खियों में बने रहते हैं और आज तक प्रशासन माफियाओं के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाया है जब मीडिया टीम के एक पत्रकार ने जब देखा तो रात होते ही माफिया सक्रिय हो जाते हैं मजे की बात यह है कि नदी में लोग काम करते नजर आएं और उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि नौगांव के दो-तीन लोग रेत के कारोबार को कर रहे हैं लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि यह अवैध कारोबार है खनन माफियाओं ने अवैध खनन की सफेद चांदी की कमाई में माफिया अपने अपने आकाओं के इशारे पर नदियों की कोख को छलनी कर रहे हैं वहीं पुलिस की कार्यशैली भी निराली है जो अक्सर छोटी मुर्गियों को पकड़ती रही है और माफियाओं पर हाथ डालने से कतरा रही है यह वही पुलिसकर्मी है जो लंबे समय से पदस्थ होने की वजह से इनके माफियाओं से याराना हो गया है जो कई प्रकार की अवैध वसूली को लेकर आए दिन चर्चा में बने रहते हैं जिसको लेकर समाजसेवी निजामुद्दीन सेक्युलर परसन अशोक मिस्त्री वह अजीत ने बताया कि जिन मार्गों से अवैध रेत के ट्रैक्टर व अन्य वाहन गुजरते है उन मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए जाए तो यकीन हो जाएगा कि नदियों की कोख कौन-कौन छलनी कर नदियों का जेसीबी से सीना चीर कर अवैध रेत के कारोबार को अंजाम दे रहे है साथ ही सरकार को कितना नुकसान हो रहा है बीते 1 साल में कितने माफियाओं पर कार्यवाही की उसके आंकड़े देखेे जाये तो स्वत:ही पता चल जायेगा कुल मिलाकर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले खनन राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है