भोपाल। सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा को बेहद खास त्योहार माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में धन की कमी दूर होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस वर्ष शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर 2021 को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि हिंदू पंचांग के मुताबिक शरद पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर मंगलवार, रात 7:03 बजे से प्रारंंभ होगी और 20 अक्टूबर, बुधवार को रात्रि 8.26 बजे समाप्त होगी। शारद पूर्णिमा का चांद 19 की रात को दिखेगा। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा।
यह योग 19 को सुबह 6:18 बजे से 12.12 बजे तक रहेगा।हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आकाश से अमृत की बूंदों की वर्षा होती है। इस दिन चंद्र देवता की विशेष पूजा की जाती है और खीर का भोग लगाया जाता है। रात में आसमान के नीचे खीर रखी जाती है। ऐसी मान्यता है कि अमृत वर्षा से खीर भी अमृत के समान हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। नारदपुराण के अनुसार ऐसा माना गया है कि इस दिन लक्ष्मी मां अपने हाथों में वर और अभय लिए घूमती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी अपने जागते हुए भक्तों को धन और वैभव का आशीष देती हैं। शाम होने पर सोने, चांदी या मिट्टी के दीपक से आरती की जाती है।