नई दिल्ली। महामारी कोरोना के घातक वायरस के बचाव के लिए कोविडरोधी वैक्सीनेशन ही विकल्प है ऐसे में इस टीकाकरण अभियान के तहत अब बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की तैयारी की जा रही है। भारत में 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए कोरोना के लिए जायडस कैडिला के जायकोव डी टीके को मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं हाल ही में भारत बायोटेक की वैक्सीन को भी डीजीसीआई की ओर से अनुमति दिए जाने की बात कही जा रही है और कहा जा रहा है कि नवंबर से 2 साल से ऊपर के बच्चों को टीके की खुराक दी जाएगी। हालांकि अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ टीकाकरण में देरी होने की बात कह रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्प्लीमेंटेशन ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज, जोधपुर के डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि कोरोना के खिलाफ चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर सरकार काफी सतर्क है और तेजी से इस ओर कदम बढ़ा रही है।
बुजुर्गों और व्यस्कों के बाद अब सरकार का ध्यान बच्चों के वैक्सीनेशन पर है। ताकि सभी को कोरोना से सुरक्षा दी जा सके। हालांकि जहां तक बच्चों को वैक्सीन लगाने की बात की जा रही है तो अभी इसकी अनुमति नहीं मिली है। डॉ. शर्मा कहते हैं कि हाल ही में कहा गया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन को 2 साल से ऊपर के बच्चों के लिए अनुमति मिल गई है तो यह कहना सही नहीं है। अभी इस अनुमति का सिर्फ एक स्टेप पूरा हुआ है जबकि इसे लगाने से पहले कई स्टेप पूरे होना बाकी हैं। सबसे पहले इसको ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलना जरूरी है जो अभी तक नहीं मिली है। डीजीसीआई से आपात इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद इसे एनटीएजीआई यानि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की मंजूरी मिलना जरूरी है। जिसमें एनटीएजीआई की ओर से कहा जाएगा कि वे इस वैक्सीन को देशभर के बच्चों को देने के लिए तैयार हैं। इसके लिए बाकायदा सभी ट्रायल परिणाम और भारत बायोटेक की ओर से प्रदान किए गए दस्तावेजों का अध्ययन होगा।
डॉ। शर्मा कहते हैं कि अगर इस वैक्सीन को बच्चों को दिया जाएगा तो उससे पहले कई चीजें साफ करनी होती हैं। मसलन अगर ये वैक्सीन लगाई जाएगी तो इसके लिए क्या-क्या तैयारियां करनी होंगी। वैक्सीन सेंटरों के अलावा अभिभावकों को अपने बच्चों को वैक्सीन दिलाने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा। वैक्सीन के बाद क्या क्या लक्षण या प्रभाव सामने आ सकते हैं और उनका उपचार क्या है। वैक्सीन लगवाने के बाद किन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इन चीजों को लेकर एक पूरा ड्राफ्ट वैक्सीन निर्माता कंपनी की ओर से दिया जाता है जिसका अध्ययन किया जाता है और फिर मंजूरी दी जाती है। ऐसे में यह एक लंबी प्रक्रिया तो है ही साथ ही इन सभी चरणों में वैक्सीन खरी उतरेगी यह भी अभी कहना संभव नहीं है। लिहाजा 15 दिन बाद नवंबर में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा यह कहना अभी मुश्किल है। उम्मीद है कि बच्चों का टीकाकरण 2022 में पूरी तरह शुरू हो।