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Sunday, September 24, 2023
खास समाचारमध्यप्रदेश

1 से 31 जुलाई तक होंगे ट्रांसफर; कोरोना से गंभीर बीमार होने वालों को मिलेगी प्राथमिकता

Visfot News

भोपाल। राज्य सरकार कर्मचारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 1 से 31 जुलाई तक के लिए ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाया जा रहा है। बजट सत्र के दौरान कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 1 से 31 मई बीच ट्रांसफर हो सकेंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रस्तावित नीति को लंबित कर दिया गया था। प्रस्तावित नई पॉलिसी में कोरोना से गंभीर बीमार हुए सरकारी कर्मी को तबादले में प्राथमिकता मिलेगी। यदि सरकारी प्रक्रिया से उनका ट्रांसफर हो रहा होगा, तो इस आधार पर उनका तबादला रोक भी दिया जाएगा। अभी यह छूट कैंसर, किडनी खराब, ओपन हार्ट सर्जरी आदि के चलते नियमित जांच कराने वाले कर्मियों को मिलती है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में पहली बार ट्रांसफर से बैन हटाया जा रहा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने 5 जून से 5 जुलाई 2019 तक एक माह ट्रांसफर से बैन हटाने के लिए पॉलिसी लागू की थी। पॉलिसी का समय खत्म होने के बाद ट्रांसफर के लिए विभाग की तरफ से प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय में समन्वय के लिए भेजा जाता था। इस दौरान मंत्रियों को भी ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं रहते हैं। लेकिन, बैन हटने के दौरान ट्रांसफर के लिए राज्य शासन पॉलिसी लागू करता है।
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर तबादले
सूत्रों के मुताबिक इस बार तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर ही किए जाएंगे। वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री और कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे। बता दें कि मंत्रियों और विधायकों के पास ट्रांसफर के सैकड़ों आवेदन पड़े हैं। इतना ही नहीं ट्रांसफर पर बैन होने के कारण मंत्रियों की सिफारिश के पत्र व नोटशीट मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर से बैन हटाने का ऐलान किया है।

2 साल में दूसरा तबादला सीएम करेंगे
जिन अधिकारियों, शिक्षकों अथवा कर्मचारियों के ट्रांसफर मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए हैं, जिले के प्रभारी मंत्री दोबारा उनके तबादले सीधे नहीं कर पाएंगे। ऐसा प्रकरण सामने आने पर ट्रांसफर की फाइल मंजूर करने के लिए सीएम कॉर्डिनेशन (मुख्यमंत्री समन्वय) तक जाएगी। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही उनका तबादला होगा। किसी क्लास वन ऑफिसर का तबादला यदि जानबूझकर किया जाता है तो वह उसकी शिकायत मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक कर सकेगा। यहीं उसका निराकरण होगा। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर यह पॉलिसी लागू नहीं होगी।

RAM KUMAR KUSHWAHA
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