भोपाल। प्रदेश में भू माफिया और जमीनों की कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश लगाने के साथ ही सरकार इस कोशिश में लगी हुई है कि जमीनों के रिकार्ड में हेरफेर न हो। इसके लिए जमीनों के रिकार्ड अब स्कैन कर ऑनलाइन किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश तें सरकारी के साथ ही निजी जमीनों के दस्तावेजों में हेरफेर करके बड़े स्तर पर कालाबाजारी की जा रही है। सरकार ने पिछले एक साल से हजारों भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई भी की है। अब सरकार जमीनों के रिकार्ड स्कैन करके ऑनलाइन करने जा रही है। इससे दस्तावेजों में हेरफेर नहीं की जा सकती है।
अब मूल रिकार्ड रहेगा सुरक्षित
प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में जमीनों के हेरफेर के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। पुराने रिकार्ड में कांटछांट से लेकर मूल रिकार्ड को गायब करने को लेकर मामले सामने आए हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश है की मूल रिकार्ड को स्कैन करके ऑनलाइन रखा जाए, ताकि उसमें कोई धांधली न हो सके। इसकी शुरूआत ग्वालियर से की जा रही है। ग्वालियर के राजस्व के पुराने मोतीमहल स्थित रिकार्ड रूम को अब कलेक्ट्रेट शिफ्ट किया जा रहा है, इससे पहले प्रशासन अब रिकार्ड में हेरफेर को खत्म करने के लिए पूरे रिकार्ड को पहले स्कैन करा रहा है। स्कैन कराने के बाद इसे आनलाइन भी अपडेट किया जाएगा। एक बार जमीनों का पूरा रिकार्ड अपडेट हो गया तो कोई बदलाव या चोरी नहीं कर सकेगा।
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जमीनों के रिकार्ड में अब नहीं होगा हेरफेर, स्कैन करके ऑनलाइन किया जा रहा डाटा
RAM KUMAR KUSHWAHAJuly 20, 2021
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