छतरपुर। आम जनता पर महंगाई का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। महंगे डीजल-पेट्रोल के अलावा रसोई गैस के दाम भी पिछले एक साल में तेजी से ऊपर गए हैं। अगस्त 2020 में आम आदमी को सब्सिडी वाला घरेलू गैस सिलेण्डर जहां 619 रूपए में उपलब्ध हो रहा था तो वहीं 17 अगस्त 2021 को हुई मूल्यवृद्धि के बाद अब यही सिलेण्डर 883.50 रूपए में मिल रहा है। कुल मिलाकर केन्द्र की मोदी सरकार ने बार-बार रसोई गैस के दामों में वृद्धि करते हुए सिलेण्डर पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी को लगभग खत्म कर दिया है।
साल भर इस तरह बढ़ते रहे दाम
छतरपुर में मयंक इण्डेन गैस एजेंसी के संचालक मयंक दुबे ने बताया कि अगस्त 2020 से अब तक सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेण्डर के दामों में लगभग 6 से ज्यादा बार वृद्धि की गई है। एक अगस्त 2020 को 619 रूपए में मिलने वाला सिलेण्डर सितम्बर, अक्टूबर और नवंबर में 618 रूपए तक मिलता रहा लेकिन फिर दिसम्बर में इसके दाम 718 रूपए पहुंच गए थे। जनवरी 2021 में इसकी कीमत 718 ही रही फिर फरवरी 2021 में यह सिलेण्डर 818 रूपए का हो गया। मार्च में 843, अप्रैल, मई और जून में दाम 833 ही रहे। जुलाई में दाम बढ़कर 858.50 रूपए हुए। अगस्त में बढ़कर 883.50 रूपए पहुंच गए। यानि साल भर में लगभग 265 रूपए की वृद्धि घरेलू गैस के दामों में की गई है। फिलहाल सरकार द्वारा इन घरेलू गैस सिलेण्डरों पर अब न के बराबर यानि मात्र 6 रूपए के आसपास ही सब्सिडी दी जा रही है।
पेट्रोल, बिजली, खाद्य तेल, रसोई गैस से बिगड़ा बजट
पिछले एक वर्ष में लोगों पर जहां कोरोना की मार रही तो वहीं सरकार ने उसे महंगाई की दोहरी मार दी है। पेट्रोल, डीजल के दाम भी 100 रूपए और 110 रूपए तक पहुंच गए हैं। इसी तरह महंगी बिजली, 160 रूपए प्रति किलो से अधिक का खाद्य तेल और महंगी रसोई गैस ने भी लोगों का बजट बिगाड़ा है। छतरपुर निवासी प्राची शुक्ला बताती हैं कि इन चीजों में हो रही मूल्य वृद्धि के कारण हर महीने लगभग 3 से 4 हजार रूपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं जिससे घर खर्च का बजट गड़बड़ा रहा है।