छतरपुर। जिले के प्रधान जेल में कैदियों की लगातार बढ़ती संख्या यहां के संसाधनों पर असर डाल रही है। 292 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में अब 392 कैदी बंद हैं। एक तरफ जेल में विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ दो साल से जिला जेल के अधीक्षक का पद खाली पड़ा है। इतना ही नहीं प्रहरियों सहित अन्य स्टाफ की कमी भी व्यवस्थाओं में व्यवधान पैदा कर रही है। जेल सूत्रों के मुताबिक छतरपुर की जेल में फिलहाल 380 पुरूष और 12 महिला कैदियों सहित एक महिला कैदी का छोटा बच्चा बंद है। जिले में प्रधान जेल के अलावा बिजावर, नौगांव और लवकुशनगर में तीन उपजेल भी हैं। जेल में मुख्य प्रहरी के लिए 6 लोगों की पदस्थापना की गई है लेकिन वर्तमान में यहां सिर्फ दो मुख्य प्रहरी ही पदस्थ हैं। इसी तरह 42 प्रहरियों के मुकाबले 38 प्रहरियों की पदस्थापना की गई है। जेल अधीक्षक की कमान दो साल से जेलर रामशिरोमणि पाण्डेय के हाथों में है। जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या के कारण यहां सुरक्षा के बंदोबस्त भी बढ़ाए गए हैं। पूरा जेल अब सीसीटीव्ही कैमरों से लैस है। तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था जेल के चारों तरफ की गई है फिर भी कैदियों की बढ़ती संख्या नए जेल भवन की मांग कर रही है।
कैदियों के लिए लगाया गया वैक्सीनेशन शिविर
बुधवार को जिला जेल में बंद कैदियों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यहां वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन किया। शिविर के दौरान 25 से ज्यादा कैदियों को दूसरा डोज जबकि नए आए कैदियों को पहला डोज लगवाया गया। जेलर रामशिरोमणि पाण्डेय ने बताया कि जेल में कोरोना महामारी के दौरान एहतियात के तौर पर विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। किसी भी विचाराधीन कैदी को जेल लाने से पहले उसका अस्पताल में मेडिकल कराया जाता है। यहां रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे जेल में रखा जाता है अथवा अस्पताल में ही भर्ती करा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जेल में कोई भी ऐसा कैदी नहीं है जिसका वैक्सीनेशन नहीं किया गया हो।
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दो साल से जेल अधीक्षक का पद खाली, कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही
दो साल से जेल अधीक्षक का पद खाली, कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही
RAM KUMAR KUSHWAHASeptember 23, 2021
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