लोकसभा में लिखित जवाब से खुलासा, इंदौर एयरपोर्ट भी जाएगा निजी हाथों में
भोपाल। घाटे में चल रहे मध्यभारत के सबसे बड़े और एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट इंदौर को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। घाटे को पाटने के लिए सरकार पीपीपी मोड पर संचालन करेगी। यह खुलासा लोकसभा में एक सवाल के जवाब में नागर विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह के लिखित जवाब में हुआ है।उन्होंने बताया, भारतीय प्राधिकरण ने 19वीं बैठक में इंदौर, अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर रायपुर और त्रिची हवाई अड्डें को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत निजी कंपनियों को सौंपने को मंजूरी दी है। पिछले तीन साल में एएआइ ने 50 साल के लिए 6 एयरपोर्ट पीपीपी मोड पर दिए। इनमें अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुअनंतपुरम और मेंगलूरु है एयरपोर्ट शामिल हैं। दूसरे चरण में इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, रायपुर और त्रिची एयरपोर्ट भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इस अवधि में एयरपोर्ट का संचालन, प्रबंधन और विकास इसे लेने वाली कंपनी के हाथों में होगा।इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इस वित्तीय वर्ष में 23 करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है। एयरपोर्ट के घाटे का आंकड़ा नागर विमानन मंत्रालय ने जारी किया है। एएआइ के पास देशभर में 136 एयरपोर्ट का स्वामित्व है। इनमें से सिर्फ 10 एयरपोर्ट ही फायदे में हैं।
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प्रदेश का एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब निजी हाथों में
RAM KUMAR KUSHWAHAJuly 24, 2021
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