नई दिल्ली। मोदी सरकार 1 अक्टूबर से पूरे देश में नए श्रम कानूनों को लागू करने वाली है।मोदी सरकार लागू करने से पहले इसके नियमों को और ज्यादा फाइन-ट्यून करने में जुटी है, ताकि लागू होने के बाद कोई दिक्कत नहीं आए। बता दें कि पहले इस 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, फिर जुलाई में लागू करने की चर्चा ने जोर पकड़ा, अब इस 1 अक्टूबर से लागू करने की तैयारी है। यानी 1 अक्टूबर से नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी आ सकती है। इसके अलावा काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में प्रावधान किए गए हैं।
मोदी सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं। संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे।
ये चार कोड हैं, पहला कोड ऑन वेजेज, दूसरा इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, तीसरा ऑक्?यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ और चौथा सोशल सिक्?योरिटी कोड है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये सभी कोड एक साथ ही लागू किए जाएंगे। वेज कोड एक्ट 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 प्रतिशत से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े। नए ड्राफ्ट कानून में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना गया है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता है। हर पांच घंटे के बाद उस 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य किया गया है।
वेज कोड एक्ट 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी, क्योंकि बैसिक पे बढऩे से कर्मचारियों का पीएफ ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा। सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलने और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।