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Sunday, September 24, 2023
खास समाचारमध्यप्रदेश

उमाभारती ने सरकार की सबसे बड़ी आमदनी पर फिर हमला बोला

उमाभारती ने सरकार की सबसे बड़ी आमदनी पर फिर हमला बोला

उमाभारती ने सरकार की सबसे बड़ी आमदनी पर फिर हमला बोलाउमाभारती ने सरकार की सबसे बड़ी आमदनी पर फिर हमला बोला
Visfot News

भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर प्रदेश की बड़ी आमदनी पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया। इसमें लिखा कि प्रदेश में पिछड़े एवं एससी-एसटी वर्ग की संख्या 92 फीसदी है। इनमें से अधिकतर लोग शराब की बुरी लत के कारण ही बर्बादी, बीमारी, पिछड़ापन एवं गरीबी के शिकार हैं। इन वर्गों की महिलाओं की संख्या करोड़ों में है। उनके तो जीवन के सभी कष्टों का कारण ही उनके घर के पुरुषों का शराबी होना है। जिस दिन हम शराबबंदी कर देंगे तभी इन वर्गों का कल्याण होगा। उमा भारती ऐलान कर चुकी हैं कि वो मध्यप्रदेश में 15 जनवरी के बाद शराबबंदी को लेकर ल_ लेकर उतरेंगी। उमा भारती ने अपने ट्विट में गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्री का भी उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने अपने राज्य में शराबबंदी लागू कर दृढ़ता का परिचय दिया है। पिछड़े और एससी के लोग शराब से ज्यादा बर्बाद हो रहे हैंउमा भारती ने लिखा है कि प्रदेश में पिछड़े एवं एससी, एसटी वर्ग की संख्या 92 फीसदी है। इनमें से अधिकतर लोग शराब की बुरी लत के कारण ही बर्बादी, बीमारी, पिछड़ापन एवं गरीबी के शिकार हैं। इन वर्गों की महिलाओं की संख्या करोड़ों में हैं। उनके तो जीवन के सभी कष्टों का कारण ही उनके घर के पुरुषों का शराबी होना है, जिस दिन हम शराबबंदी कर देंगे तभी इन वर्गों का कल्याण होगा। आपको बता दें कि उमा भारती ऐलान कर चुकी हैं कि वो मध्य प्रदेश में 15 जनवरी के बाद शराबबंदी को लेकर ल_ लेकर उतरेंगी।
गुजरात-बिहार के सीएम का दिया उदाहरण
उमा ने लिखा,Óगुजरात में बीजेपी और बिहार में एनडीए की सरकार हैं। वहां शराबबंदी है एवं वहां के मुख्यमंत्रियों को इस पर गर्व है। अवैध एवं जहरीली शराब पर रोक लगाना, राज्य शासन के लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतोगुणी एवं दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं, यही मेरे विश्वास का कारण हैं। प्रदेश में भी गुजरात की तरह बहुत बड़ी संख्या में आदिवासी हैं। जैसे गुजरात ने अपनी शराबबंदी जारी रखते हुए आदिवासियों की परम्पराओं का ध्यान रखा है, हम भी उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कर सकते हैं।
पिछड़े वर्ग पर कही ये बात
उमा भारती ने लिखा, बिहार जो कि मध्य प्रदेश से ज्यादा आबादी का एवं ज्यादा पिछड़ा राज्य है, जब शराबबंदी से राजस्व की हानि के उन्होंने भी विकल्प निकाल लिए तो हम तो कर ही सकते हैं। मध्य प्रदेश में पिछड़े एवं एससी, एसटी वर्ग 92 फीसदी है तथा इनमें से अधिकतर पिछड़े एवं एससी समुदाय के लोग ही शराब की बुरी लत के कारण बर्बादी, बीमारी, पिछड़ेपन एवं गरीबी के शिकार हैं।

RAM KUMAR KUSHWAHA
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