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Sunday, September 24, 2023
डेली न्यूज़

विंध्य प्रदेश को दोबारा अस्तित्व में लाने की उठी मांग

Visfot News

छतरपुर। मप्र के गठन के पूर्व विंध्य क्षेत्र और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के कई जिलों से बना विंध्य प्रदेश अब अस्तित्व में नहीं है। अब इस पुराने राज्य के पुनर्गठन के लिए मांग उठ रही है। विगत रोज विंध्यप्रदेश के पुनर्गठन के संबंध में जनजागृति लाने और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए निकाली जा रही एक सद्भावना यात्रा छतरपुर पहुंची। इस सद्भावना यात्रा के सदस्यों ने शहर के सर्किट हाउस में पत्रकारों और बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर अपनी बात रखी। रिटायर आईएफएस अधिकारी एसएस तिवारी ने कहा कि विंध्यप्रदेश एक पुराना और समृद्ध राज्य था। हमारे पास प्रचुर संसाधन होने के बावजूद भौगोलिक और राजनैतिक परिस्थितियों में बदलाव होने के कारण यहां का विकास रूक गया है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई कि छोटे राज्यों के गठन के माध्यम से देश का विकास किया जा सकता है। अत: विंध्यप्रदेश का पुनर्गठन किया जाए। विंध्यप्रदेश पुर्नउदय संगठन के बैनर तले सद्भावना यात्रा निकाल रहे बाबूलाल दाहिया ने बताया कि विंध्यप्रदेश को दोबारा पहचान दिलाने के लिए बुन्देलखण्ड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दतिया, निवाड़ी जिले में सद्भावना यात्रा के माध्यम से जनजागरूकता लायी जा रही है। पूर्व वन अधिकारी एसएस तिवारी ने यहां बक्स्वाहा के जंगलों पर भी अपनी बात रखी और कहा कि बक्स्वाहा के जंगल समूचे बुन्देलखण्ड का ऑक्सीजन बैंक है। अत: हीरों के लिए 382 हेक्टेयर के जंगलों को काटना उचित नहंी है। यात्रा के साथ आए पर्यावरण से जुड़े पत्रकार जयराम शुक्ला ने कहा कि विंध्यप्रदेश के माध्यम से हमारा विकास आज महाराष्ट्र और पंजाब के जैसा होता लेकिन हमारे संसाधनों का शोषण हो रहा है और लोग यहां रोजगार के लिए परेशान हो रहे हैं। उन्होंने लोगों से भी विंध्यप्रदेश के गठन के लिए आवाज उठाने की मांग की है।

RAM KUMAR KUSHWAHA

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