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Thursday, April 18, 2024
विदेश

म्यांमार को पुरानी पनडुब्बी देकर लुभा रहा चीन, भारत को घेरने के लिए चल रहा दांव?

Visfot News

नई दिल्ली
भारत के पड़ोसी देशों में चीन लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है। अब चीन ने अपनी मिंग कटेगरी की डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक को म्यांमार को सौंप दिया है। पुरानी टाइप 035B पनडुब्बी को 24 दिसंबर को सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग की अध्यक्षता में एक समारोह में म्यांमार नौसेना में यूएमएस मिन ये क्याव हतिन के रूप में कमीशन किया गया। पनडुब्बी को शामिल करने की प्रक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब 22-23 दिसंबर को विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला म्यांमार दौरे पर थे। मिंग-क्लास पोत म्यांमार द्वारा कमीशन की जाने वाली दूसरी पनडुब्बी है। इससे पहले भारत ने पिछले साल अक्टूबर में अपने पुराने रूसी मूल के आईएनएस सिंधुवीर को म्यांमार को सौंपा था। हिंद महासागर सहित दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में रणनीतिक स्थान के लिए भारत और चीन के बीच संघर्ष जारी है। बांग्लादेश ने 2016 में चीन से दो मिंग कटेगरी की पनडुब्बियों को बेहद रियायती मूल्य पर शामिल किया था।

भारत को पड़ोसी देशों में चीन की बराबरी करनी होगी
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि भारत के पास मालदीव से लेकर नेपाल तक अपने पड़ोसियों तक पहुंच बनाने के लिए चीन की बराबरी करने के लिए मोटी रकम या घरेलू रक्षा उत्पादन आधार नहीं है लेकिन हमें कोशिश जारी रखनी होगी। उन्होंने बताया है कि चीन म्यांमार आर्थिक गलियारा पहले से ही है जिसका मकसद सुदूर युन्नान प्रदेश को हिंद महासागर से जोड़ना है। चीन अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत देशों को फंसाने के लिए अपने कर्ज-जाल की नीतियों का हर संभव इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि कुछ देशों को इसका एहसास है।

म्यांमार के साथ संबंध बढ़ा रहा है भारत
भारत म्यांमार के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करने में जुटा हुआ है। एकमात्र आसियान देश जिसके साथ भारत 1643 किलोमीटर का बॉर्डर और समुद्री सीमा साझा करता है। पिछले कुछ सालों में भारत ने म्यांमार को समुद्री गश्ती विमान, नौसैनिक बंदूक-नाव, हल्के वजन वाले टॉरपीडो और रडार से लेकर 105 मिमी हल्की तोपखाने बंदूक, मोर्टार, नाइट-विजन डिवाइस, ग्रेनेड-लॉन्चर और राइफल आदि तक दी हैं। एक और अधिकारी ने बताया है कि म्यांमार जल्द ही बांग्लादेश की तरह महसूस करेगा कि मिंग-क्लास पनडुब्बी पुरानी ​​पिछली पीढ़ी के जहाज हैं। 3000 टन किलो-क्लास आईएनएस सिंधुवीर, जिसका नाम बदलकर यूएमएस मिन ये थीन खा थू रखा गया है, 31 साल पुराना हो सकता है, लेकिन म्यांमार में पहुंचाने से पहले हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में उसका बड़े स्तर पर आधुनिकीकरण किया गया था।

चीन पाकिस्तान के बीच सात अरब डॉलर का सौदा होने को
चीन आने वाले सालों में इस क्षेत्र में सुधार कर सकता है। उदाहरण के लिए चीन पहले से ही पाकिस्तान को अपनी आठ नई युआन कटेगरी की पारंपरिक पनडुब्बियों के साथ एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन के साथ अधिक पानी के भीतर सहनशक्ति के साथ-साथ टाइप 054A मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट और अन्य नौसैनिक प्लेटफार्म की आपूर्ति करने जा रहा है। यह सात अरब डॉलर से अधिक का सौदा रहने वाला है।

RAM KUMAR KUSHWAHA

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