Please assign a menu to the primary menu location under menu

Friday, April 19, 2024
मध्यप्रदेश

ट्रांसफर से पहले मंत्रियों को मिलेगा प्रभार

Visfot News

भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में फंसा पेंच!
भोपाल । मप्र में 1 से 31 जुलाई तक ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों को जिले का प्रभार सौंपा जा सकता है। मप्र में एक माह के लिए ट्रांसफर पर लगा बैन हटने जा रहा है। इस दौरान उन लोगों के तबादले किए जा सकेंगे, जिन्होंने तबादले के लिए आवेदन किया है या जिन्हें कार्य की सुविधा के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाना है। इस प्रक्रिया में मंत्रियों की अहम भूमिका होती है। साथ ही प्रभारी मंत्री भी जिले की आवश्यकता के अनुरूप तबादले की अनुशंसा करते हैं। इसे देखते हुए 1 जुलाई से पहले ही मंत्रियों को जिले का प्रभार सौंपा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार सूची तैयार कर ली गई है, लेकिन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर को लेकर पेंच फंस गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी गुडबुक में शामिल मंत्रियों को बड़े जिलों का प्रभार देना चाहते है, वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थन मंत्रियों को बड़े जिलों में एडजस्ट करना चाहते हैं। हालांकि अब तक मंत्रियों को अपने ही जिले का प्रभार नहीं सौंपा जाता है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री द्वारा इस नियम में परिवर्तन किया जा सकता है और अपने ही जिले का प्रभार मंत्रियों को सौंपा जा सकता है। सूत्रों का कहना है की मुख्यमंत्री की गुड लिस्ट में शामिल मंत्रियों को बड़े जिले सौंपे जाएंगे।
सीएम सबसे कर चुके हैं मंत्रणा
मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने को लेकर सीएम ने पिछले एक हफ्ते में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र्र सिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री से चर्चा की है। इसके अलावा मंत्रियों से वन टू वन के दौरान भी उन्होंने उन्हें इस संबंध में संकेत दिए हैं। संगठन सूत्रों की माने तो फिलहाल भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर का प्रभार किस मंत्री को दिया जाए, यह तय नहीं हो पा रहा है। ग्वालियर में सिंधिया अपने समर्थक गोविंद राजपूत या तुलसी सिलावट को प्रभारी मंत्री के तौर पर चाहते हैं। इसी तरह इंदौर का प्रभार अब तक वरिष्ठ मंत्री के पास रहा है। यहां भी सिंधिया की रूचि है। ग्वालियर के लिए अभी नरोत्तम मिश्रा के नाम पर विचार हो रहा है। तुलसी सिलावट को उज्जैन का प्रभार मिल सकता है। सीनियर मंत्रियों को एक बड़े जिले के साथ एक छोटा जिला भी दिया जाएगा। वहीं मंत्री विश्वास सारंग को सीहोर का प्रभार मिल सकता है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों में से अधिकांश को ग्वालियर चंबल में एडजस्ट करने पर विचार चल रहा है।
विधानसभा सत्र जुलाई में इसलिए बंटेंगे जिले
विधानसभा का पावस सत्र अगले महीने बुलाया जाएगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने पूरी तैयारियां कर ली हैं और प्रस्ताव संसदीय कार्य विभाग के पास भेज दिया है। जहां से यह प्रस्ताव सीएम के पास भेजा गया है। एक दो दिन में प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही सत्र की तारीख का ऐलान हो जाएगा। संगठन चाहता है कि सत्र शुरू होने से पहले मंत्रियों को प्रभार के जिले बांट दिए जाएं। यही वजह है कि अब इस काम में तेजी लाई जा रही है। दूसरी वजह यह भी है कि तबादलों पर से प्रतिबंध एक जुलाई से हट रहा है। तबादला नीति में कई मामलों में जिले के प्रभारी मंत्री का अनुमोदन अनिवार्य किया गया है।

RAM KUMAR KUSHWAHA

3 Comments

Comments are closed.

भाषा चुने »