भोपाल। अपनी मांगों को लेकर हडताल कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को बिजली कंपनी के अधिकारियों ने मौखिक फरमान जारी कर कह दिया है कि बुधवार शाम तक काम पर नहीं लौटे तो खुद को बर्खास्त मान लेना। मंगलवार को बिजली कंपनियों की तरफ से थोकबंद अनुशंसाएं आउटसोर्स कंपनियों को भेजी गई थी। साथ में हड़ताल करने वाले कर्मचारियों के नाम भी बताए गए हैं। कहा गया है कि उनकी हड़ताल से काम प्रभावित हो रहा है। लोगों को सुविधा ठीक से समय पर नहीं दे पा रहे हैं। आम नागरिकों का दबाव है। बिजली बंद होती है तो कभी भी अप्रिय स्थिति बन सकती है। जो कर्मचारी हड़ताल पर है उनकी जगह दूसरे कर्मचारी उपलब्ध कराएं हैं। कुछ जिलों में तो एसई ने यहां तक अनुशंसा की है कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को बर्खास्त कर दो, जबकि एसई आउटसोर्स कर्मचारियों के नियोक्ता ही नहीं है।
फिर भी आउटसोर्स कर्मचारियों में दबाव पैदा करने के लिए इस तरह की अनुशंसा की जा रही है। बता दें कि 27 सितंबर से प्रदेश भर के आउटसोर्स बिजली कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर है। इनकी मांगें आउटसोर्स कंपनियों को खत्म करने, वेतन बढ़ाने, रोका गया बोनस, ईपीएफ की राशि देने, प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की हैं। इन्हीं मांगों को लेकर आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने 23 अगस्त को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से चर्चा की थी। उनके सामने सभी विषयों को रखा था। मंत्री से यहां तक कहा था कि बीच में बैठी आउटसोर्स कंपनियों के कारण सरकार को भी नुकसान हो रहा है और कर्मचारियों का भी शोषण बढ़ा है। वेतन रोक देते हैं, निकालने की धमकी देते हैं। नियुक्ति के बदले रुपये लिए जा रहे हैं। श्रम विभाग के अनुसार तय नियमों के तहत अवकाश नहीं दिए जा रहे हैं। लगातार तय समय सीमा से अधिक घंटे तक काम कराया जा रहा है।
मौत होने पर हाथ नहीं लगाते हैं, उलटा कर्मचारी हमारे नहीं हैं, यह कह देते हैं। मृतक के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति तक नहीं दी जा रही है। आउटसोर्स बिजली कर्मचारी संघ के संयोजक मनोज भार्गव द्वारा उक्त बातें मंत्री के सामने रखी थी। जिसके बाद मंत्री ने एक माह में उचित आश्वासन का भरोसा दिया था, जो कि पूरा नहीं हुआ तो कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। आज हड़ताल का तीसरा दिन है। आउटसोर्स कंपनियों ने बुधवार सुबह 10 बजे तक प्रदेश भर के जिलों में कार्यरत दर्जनों कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसकी सूचना बिजली कंपनियों को दे दी है। इस बात से कर्मचारी और गुस्से में हैं और क्रमिक भूख हड़ताल की चेतावनी दे दी है।