रितेश साहू
आर टी आई एप्लीकेशन रद्द करने में पुलिस महकमा अब्बल
जिला स्तरीय हो या तहसील स्तरीय शासन के अधीनस्थ 5-6 विभाग सरकार पर भारी नजर आ रहे है जो चीख चीख कर मानो यह एहसास करा रहे है कि कानून सिर्फ जनता की असंतोष को दबाने के लिए बनाए जाते हैं जिसको लेकर नगर पालिका शिक्षा विभाग राजस्व विभाग पंचायत स्वास्थ्य विभाग सहित पुलिस महकमा चर्चा में रहते है सूचना नहीं देने को लेकर सबसे अधिक बदनाम है जो आवेदक को अंतरित कर देने या फिर नई तरकीब इजाद कर जानकारी देने से कतरा रहे हैं इसका प्रमाण भी जिला पुलिस अधीक्षक विभाग ने दे दिया है
नौगॉव/हरपालपुर आरटीआई कानून लागू होने के 14 साल बाद भी कुछ ऐसी तस्वीरें उभर रही है की सरकारी महकमों एवं लोक सेवकों से जिस पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीद की गई थी उसका कहीं अता पता नहीं जिले के कई महकमो मैं जनसूचना अधिकारी की नियुक्ति ना होना प्रथम अपील अधिकारी की निष्क्रियता और सही जानकारी ना देने के लिए जो नई नई तरकीब आवेदकों को बताकर हतोउत्साहित करना यह दिखाने के लिए काफी है कि इस कानून को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है नौकरशाह इस कानून का दमन करने में लगे हैं बल्कि यह एहसास भी करा रहे हैं कि कानून सिर्फ आम आदमी के असंतोष को दबाने के लिए बनाए जाते हैं जिसको लेकर वैसे तो नगरपालिका राजस्व शिक्षा पंचायत स्वास्थ्य व पुलिस महकमा चर्चा में रहता है और इस बार जिला पुलिस अधीक्षक विभाग में तैनात कर्मचारी ने इस बात को साबित कर दिया है कि आरटीआई की एप्लीकेशन रद्द करने में पुलिस महकमा अब्बल है सूचना का अधिकार 2005 अब लोगों को सूचना नहीं दिला पा रहा है आए दिन किसी ना किसी विभाग से सूचना नहीं मिलने की शिकायतें आम होती जा रही हैं दफ्तरों में तैनात अधिकारी कर्मचारी धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं सरकार और सूचना आयोग दोनों ही हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं सबसे ज्यादा चर्चित जिले का पुलिस महकमा है जो कोई ना कोई अंतरित या फिर नई तरकीब इजाद कर आवेदन रद्द कर देते हैं जिसको लेकर एक ऐसा ही मामला सामने आया जब मीडिया से जुड़े अधिमान्य पत्रकार नरेंद्र सर्राफ ने दिनांक 14/9/2021 को अति पुलिस अधीक्षक विभाग में आवेदन देकर आरटीआई के नियमों के मुताबिक जुलाई 2020 से 14 /9/ 2021 तक कितने महिला अपराध दर्ज हुये व अपराध से जुड़े लोगों की जानकारी की मांग करते हुए अन्य चार बिंदुओं के तहत हत्या के मामले कितने दर्ज हुए सन 2020 से 2021 तक मामले में लिप्त आरोपियों को नाम वह फरार आरोपियों की जानकारी के अलावा 2018 से 12 /9 /2021 महिला अपराध के मामले कितने पेंडिंग है और हत्या के मामलों में लिप्त कितने आरोपी फरार हैं लेकिन जिस बात आशंका थी पुलिस विभाग के कर्मचारी ने यह कहकर जानकारी देने से मना कर दिया है कि सूचना खोजना पुलिस के लिए मुश्किल कार्य है और दिनांक 12 10 2001 को स्पष्ट पत्र में उल्लेख करते हुए कहा गया कि आवेदक की जानकारी का लोक क्रियाकलापों से सीधा सरोकार नहीं है जबकि पुलिस कर्मचारी को पता है कि यह जानकारी जनहित में ली जा रही है ताकि लोगों को पता चल सके अपराध को लेकर जिले की क्या स्थिति है और जनता पुलिस की कार्यशैली से सतुष्ट है या नहीं गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस ने यह नहीं बताया कि कौन सी धारा के तहत जानकारी नहीं दी जा सकती है जाहिर है कि पुलिस सही आंकड़े नहीं देना चाहती है लेकिन इसको लेकर आवेदक इससे ऊपर अपील करने की तैयारी में है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महकमे में कई आवेदन पेंडिंग में पड़े हुए हैं जो कोई ना कोई बहाना बनाकर या फिर अधिक पन्ने का बहाना ना बना कर आवेदक को हतोत्साहित कर रहे हैं